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कब बनी भारत की राजधानी दिल्ली l When did Delhi become the capital of India

कहते है दिल्ली दिल वालों की ।  लेकिन ये दिल्ली कब बनी भारत यानि हिन्दुस्तान की राजधानी।  आपको बता दे की दिल्ली भारत की राजधानी देश के आजाद होने यानि 1947 से पहले ही बन गयी थी  ब्रिटिश काल में दिल्ली:Delhi during the British period   ब्रिटिश शासन के दौरान, दिल्ली पहले कलकत्ता (अब कोलकाता) की उपराजधानी थी। 1911 में, ब्रिटिश साम्राज्य के किंग जॉर्ज पंचम और उनकी पत्नी क्वीन मैरी भारत दौरे पर आए थे। उसी समय दिल्ली दरबार में यह घोषणा की गई कि भारत की नई राजधानी दिल्ली होगी। नई राजधानी का निर्माण: Construction of the new capital इसके बाद, ब्रिटिश सरकार ने दिल्ली को एक नए रूप में विकसित करना शुरू किया। दिल्ली को राजधानी बनाने का निर्णय ब्रिटिश साम्राज्य की प्रशासनिक आवश्यकताओं के कारण लिया गया था, और इस दौरान नई दिल्ली शहर का निर्माण किया गया। नई दिल्ली का उद्घाटन: Inauguration of New Delhi नई दिल्ली को 13 फरवरी 1931 को आधिकारिक रूप से ब्रिटिश साम्राज्य की राजधानी के रूप में उद्घाटन किया गया। भारत के स्वतंत्र होने के बाद, नई दिल्ली भारत की संघीय राजधानी बनी और आज भी यह भार...

हल्दीघाटी का युद्ध कब हुआ था ?

 हल्दीघाटी का युद्ध कब हुआ था ? यह युद्ध 18 जून 1576 ईस्वी में मेवाड़ तथा मुगलों के मध्य हुआ था। इस युद्ध में मेवाड़ की सेना का नेतृत्व महाराणा प्रताप ने किया था। 

महाराणा प्रताप की माताजी का नाम क्या था

  महाराणा प्रताप की माताजी का नाम क्या था  महाराणा प्रताप की माता का नाम जयवंता बाई था, जो पाली के सोनगरा अखैराज की बेटी थी।

ASK MINTAR वेबसाइट का उद्देश्य

आस्क मिंतर (ASK MINTAR ) वेबसाइट और यूट्यूब चैनल के द्वारा  लोगो तक सही जानकारी पहुंचाने की एक कोशिश है। जिसमे विश्व के बारे में जानकारी , भारत के बारे में जानकारी , राज्यों के बार में जानकारी , धर्म ग्रंथो जैसे रामायण , महाभारत ,भगवद्गीता , शिव महापुराण , सिनेमा , शिक्षा ,कृषि ,खेल , इतिहास , व्यापर , स्वास्थ्य , कम्प्यूटर , हिन्दू धर्म  और भी बहुत कुछ, एक कोशिश है हमारी , आशा करते है की आप दुआ करेंगे की सही जानकारी लोगो तक पहुंचे और हम अपनी इस कोशिश में सफल हो।  टीम- (आस्क मिंतर)  TEAM - (ASK MINTAR )  

आखिर क्यों की जाती है सबसे पहले गणेश जी की पूजा !

गणेश जी की पूजा सबसे पहले क्यों की जाती है, इसके पीछे कई धार्मिक और सांस्कृतिक कारण हैं: विघ्नहर्ता के रूप में पूजा: Worship as the destroyer of obstacles  गणेश जी को "विघ्नहर्ता" (विघ्नों को नष्ट करने वाला) कहा जाता है। किसी भी शुभ कार्य या अनुष्ठान की शुरुआत से पहले गणेश जी की पूजा इसलिए की जाती है ताकि कार्य में आने वाली सभी बाधाएं और विघ्न दूर हो सकें और कार्य बिना किसी रुकावट के सम्पन्न हो सके। नवचंडी और समृद्धि का प्रतीक: Symbol of Navchandi and Prosperity गणेश जी का रूप और उनके गुण समृद्धि, बुद्धि, सुख-शांति और सौभाग्य के प्रतीक माने जाते हैं। उनकी पूजा से व्यक्ति को मानसिक शांति, बौद्धिक वृद्धि, और सुख-समृद्धि मिलती है। धार्मिक परंपरा: Religious tradition हिंदू धर्म में यह प्रथा रही है कि किसी भी बड़े कार्य, जैसे घर निर्माण, व्यापार की शुरुआत, या किसी नए काम की शुरुआत से पहले गणेश जी की पूजा करना आवश्यक माना जाता है। यह परंपरा संतुलन और शांति की ओर निर्देशित करती है। सभी देवताओं से पहले गणेश की पूजा: Worshiping Ganesha before all gods भगवान गणेश की पूजा सबसे पहले क...